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यूपी कोऑपरेटिव बैंक ने डिजिटल इंडिया के संग बनायी बड़त

 

प्रदेश की एम-पैक्स में क्यूआर कोड प्रणाली के माध्यम से भुगतान का शुभारम्भसहकारिता मंत्री श जे०पी०एस० राठौर ने  किया

उ०प्र० कोऑपरेटिव बैंक लि०, मुख्यालय, लखनऊ में की प्रेस वार्ता

प्रदेश की एम-पैक्स में क्यूआर कोड प्रणाली के माध्यम से भुगतान का शुभारम्

यूरिया व डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित

 

वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता व सुगमता पर बल

– जे0पी0एस0राठौर

लखनऊ: 23 अगस्त, 2025

संजय कुमार

QR भुगतान प्रणाली के लागू होने से ग्रामीण सहकारिता तंत्र को डिजिटल स्वरूप मिलेगा तथा किसानों को नगद लेन-देन की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। यें बातें एमपैक्स में क्यू-आर कोड आधारित भुगतान प्रणाली का शुभारम्भ करते हुए सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  जे0पी0एस0 राठौर ने उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के मुख्यालय  लखनऊ में कहीं।

श्री राठौर ने कहा कि QR भुगतान प्रणाली के लागू होने से ग्रामीण सहकारिता तंत्र को डिजिटल स्वरूप मिलेगा तथा किसानों को नगद लेन-देन की परेशानी से मुक्ति मिलेग। यह कदम मा० प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इंडिया अभियान और मा० मुख्यमंत्री जी के सहकारिता के आधुनिकीकरण के संकल्प की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के प्रारम्भ होने से प्रदेश के सभी पैक्स में अब किसान व उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन से सीधे स्कैन एवं भुगतान कर सकेंगे। इससे लेन-देन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सुरक्षित एवं सुगम होगी।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि लंबे समय से किसान भाई इस सुविधा की माँग कर रहे थे। अब ऑनलाइन भुगतान की सुविधा से ओवर रेटिंग की समस्या से निजात मिलेगी और खाद वितरण व्यवस्था और अधिक पारदर्शी होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सभी जिलों में यूरिया और डीएपी की भरपूर उपलब्धता है।

श्री राठौर ने बताया कि एक बोरी यूरिया की कीमत 266.50 रुपये तथा डीएपी की कीमत 1,350 रुपये है। इस वर्ष सहकारी समितियों के माध्यम से 10 लाख 40 हजार मैट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया है, जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 7 लाख 42 हजार मैट्रिक टन वितरित हुआ था। यह लगभग 40 प्रतिशत अधिक है। सहकारी समितियों द्वारा अब तक 35 लाख 58 हजार किसानों को खाद उपलब्ध करायी जा चुकी है। प्रदेश की 6,861 प्राथमिक सहकारी समितियाँ उर्वरक वितरण का कार्य कर रही हैं, जबकि पहले केवल 1,400 समितियाँ सक्रिय थीं।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में बंद पड़ी समितियों को पुनर्जीवित किया गया है। सभी समितियों को 10-10 लाख रुपये कार्य-व्यवसाय हेतु उपलब्ध कराए गए हैं। भवनों और गोदामों की मरम्मत के लिए भी 10-10 लाख रुपये दिए जा रहे हैं। अब तक 980 समितियों की मरम्मत तथा 375 समितियों में गोदामों का नव निर्माण कराया जा चुका है।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि समितियों में आधुनिकीकरण के लिए कम्प्यूटर, प्रिंटर, एलईडी और जहाँ बिजली उपलब्ध नहीं है वहाँ 2 किलोवॉट सोलर रूफटॉप पैनल लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही समितियों की कार्यशील पूंजी को सुदृढ़ किया गया है तथा जहाँ आवश्यकता होगी वहाँ कैश क्रेडिट लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आवश्यकता के अनुसार ही खाद लें और अनावश्यक भंडारण न करें। उन्होंने कहा कि “ये सहकारी समितियाँ किसानों की अपनी समितियाँ हैं, जिनका प्रबंधन भी किसानों के ही हाथों में है। सरकार का प्रयास है कि इन समितियों का बेहतर से बेहतर प्रबंधन हो और नियमित रूप से खुली रहें। कर्मचारियों की कमी भी शीघ्र पूरी की जाएगी।”

कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री ने बी-पैक्स उस्मानपुर, बाराबंकी, बी-पैक्स इब्राहीमाबाद, बाराबंकी, बी-पैक्स रूदान खेड़ा, लखनऊ, बी-पैक्स, अनौरा कला, लखनऊ, बी-पैक्स नगराम दक्षिण, लखनऊ के सचिवों को क्यू-आर प्रदान किया।

 

इस अवसर पर सौरभ बाबू प्रमुख सचिव, सहकारिता, योगेश कुमार, आयुक्त एवं निबन्धक, सहकारिता, आर०के० कुलश्रेष्ठ, प्रबन्ध निदेशक, उ०प्र० कोऑपरेटिव बैंक लि० व सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद रहे।

 

 

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